क्रोध पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित (krodh par sanskrt shlok hindi arth ke sahit) sanskrit sloka on anger with hindi meaning
क्रोध पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित |
संस्कृत श्लोक
क्रोधमूलो मनस्तापः क्रोधः संसारनाशकः।
धर्मक्षयकरः क्रोधस्तस्मात्तं परिवर्जयेत्॥
हिन्दी अर्थ
मन का सन्ताप क्रोध के कारण होता है, क्रोध संसार के विनाश का कारण है, क्रोध धर्म का नाश करता है। इसलिये क्रोध का त्याग करना चाहिए।
English meaning
The anguish of the mind is caused by anger, anger is the cause of the destruction of the world, anger destroys religion. Therefore one should give up anger.
संस्कृत सूक्ति हिन्दी अर्थ सहित
क्रोध- Anger - क्रोध पर संस्कृत सूक्ति हिन्दी अर्थ सहित
संस्कृत श्लोक क्रोधमूलो हि विग्रहः। हिन्दी अर्थ लड़ाई-झगड़े की जड़ क्रोध
ही है। English meaning Anger
is the root of fights. |
संस्कृत श्लोक नास्ति क्रोधसमो रिपुः। हिन्दी अर्थ क्रोध के समान कोई शत्रु नहीं है। English meaning There is no enemy like anger. |
संस्कृत श्लोक क्रोधः शत्रुः शरीरस्थो
मनुष्याणाम्। हिन्दी अर्थ क्रोध, मनुष्य के शरीर में शत्रु बनकर
रहता है। English meaning Anger
lives as an enemy in the human body. |
संस्कृत श्लोक क्रोधो हन्ता मनुष्याणां क्रोधो भावयिता पुनः। हिन्दी अर्थ क्रोध मनुष्यों का नाश कर देता है यदि क्रोध
को जीत लिया जाय तो मनुष्य की उन्नति होती है। English meaning Anger destroys humans. If anger
is conquered then humans progress. |
संस्कृत श्लोक क्रोधो हि धर्मं हरति यतीनां दुःखसंचितम् ।। हिन्दी अर्थ साधकों के अत्यन्त कठिनाई से प्राप्त धर्म को क्रोध नष्ट कर देता
है। English meaning Anger destroys the Dharma
achieved with great difficulty by the seekers. |
क्रोध पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित krodh par sanskrt shlok hindi arth ke sahit sanskrit sloka on anger with hindi meaning
संस्कृत सूक्ति क्रोधः करोति मोहान्धमपि दीक्षामुपाश्रितम् । हिन्दी अर्थ क्रोध ऋषि व मुनि को भी मोह में अन्धा बना देता है। English meaning Anger makes even the sages blind with attachment. |
संस्कृत श्लोक आत्मानमेन नाशयति अनात्मवतां कोपः । हिन्दी अर्थ जिन लोगों में संयम नहीं होता उनका क्रोध उन्हें नष्ट कर देता है। English meaning The anger of those who have no self-control destroys them only. |
संस्कृत श्लोक क्रोधो हि धर्मं हरति। हिन्दी अर्थ क्रोध धर्म को नष्ट कर देता है। English meaning Anger
destroys religion. |
anskrit sloka on anger with hindi meaning
क्रोध पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित krodh par sanskrt shlok hindi arth ke sahit sanskrit sloka on anger with hindi meaning
संस्कृत श्लोक अतिरोषणश्चक्षुष्मानन्ध एव जनः । हिन्दी अर्थ अत्यधिक क्रोध करने वाला व्यक्ति आंखें होते हुए भी अंधे के समान
होता है। English meaning A persont exceedingly angry is blind though possessed of eyes. |
संस्कृत श्लोक मोघः श्रमो भवति हि
क्रोधनस्य। हिन्दी अर्थ क्रोध करने वाले मनुष्य का सम्पूर्ण परिश्रम व्यर्थ जाता है। English meaning All
the hard work of an angry person goes in vain. |
संस्कृत श्लोक नित्यं क्रोधाच्छ्रियं रक्ष्येत् तपोरक्षेच्च मत्सरात् । हिन्दी अर्थ मनुष्य को सदैव अपने ऐश्वर्य (धन सम्पत्ति) को क्रोध से बचाना
चाहिए और अपने तप की ईर्ष्या से रक्षा करनी चाहिये। English meaning A man should always protect his
wealth from anger and his penance from jealousy. |
संस्कृत श्लोक आत्मानमेन नाशयति अनात्मवतां कोपः । हिन्दी अर्थ जिन लोगों में संयम नहीं होता उनका क्रोध उन्हें ही नष्ट कर देता
है। English meaning The anger of those who have no self-control destroys them only. |
संस्कृत श्लोक क्रोधः स्वपरनाशकः। हिन्दी अर्थ क्रोध अपने और दूसरों का नाश कर देता है। English meaning Anger destroys oneself and others. |
संस्कृत श्लोक चतुर्वर्गरिपुः क्रोधः। हिन्दी अर्थ क्रोध चतुर्वर्ग अर्थात् धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का शत्रु है। English meaning Anger is the enemy of all four classes of Dharma, Artha, Kama
and Moksha. |
संस्कृत श्लोक नहि कोपकलुषिता विमृशति मतिः कर्तव्यमकर्तव्यं वा। हिन्दी अर्थ क्रोध से कलुषित बुद्धि कर्तव्य और अकर्तव्य का विचार नही करती। English meaning The mind tainted by anger does not think about duty and
non-duty. |
संस्कृत श्लोक कोपाग्निदग्धस्य क्वापि शान्तिनं विद्यते। हिन्दी अर्थ क्रोधाग्नि से दग्ध व्यक्ति को कहीं भी शान्ति नहीं। English meaning A
person burning with anger has no peace anywhere. |
क्रोध पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित krodh par sanskrt shlok hindi arth ke sahit sanskrit sloka on anger with hindi meaning
संस्कृत श्लोक स्वस्योन्नतेषु जनितं हृदि कोपवेगं, निघ्ने प्रदर्शयति भृत्यजने मनुष्यः। श्वश्रूगतं हृदयवर्धितमात्मकोपं, भाण्डे प्रदर्शयति हस्तगते वधूटी ॥ हिन्दी अर्थ अपने से वरिष्ठ व्यक्ति के प्रति जो क्रोध मन में आता है, उसे वह अपने अधीनस्थ नौकरों पर निकालता है। जिस तरह बहू अपनी सास के प्रति अपने हृदय में संचित क्रोध को अपने हाथ में आये बर्तनों पर निकालती है। English meaning The anger that comes in the heart towards a person superior to him, he takes it out on his subordinate servants. Just as the daughter-in-law vents out the anger accumulated in her heart towards her mother-in-law on the utensils in her hands.
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संस्कृत श्लोक उत्पद्यमानः प्रथमं दहत्येव स्वमाश्रयम्। क्रोधः कृशानुवत्पश्चादन्यं दहति वा न वा॥ हिन्दी अर्थ मन में अग्नि की तरह उत्पन्न होते ही क्रोध सर्वप्रथम अपने आश्रय (जहां क्रोध उत्पन्न हुआ है) को जलाता ही है, बाद में किसी और को जलाये या न जलाये । English meaning Like fire, as soon as anger arises, it first burns its own shelter (where anger has arisen), whether it burns anyone else later or not. |
संस्कृत श्लोक क्रोधमूलो मनस्तापः क्रोधः संसारनाशकः। धर्मक्षयकरः क्रोधस्तस्मात्तं परिवर्जयेत्॥ हिन्दी अर्थ मन का सन्ताप क्रोध के कारण होता है, क्रोध संसार के विनाश का कारण है, क्रोध धर्म का नाश करता है। इसलिये क्रोध का त्याग करना चाहिए। English meaning The anguish of the mind is caused by anger, anger is the cause of the destruction of the world, anger destroys religion. Therefore one should give up anger. |
संस्कृत श्लोक क्रोधात् काममवाप्याथ लोभमोहौ च मानवाः। मानदर्पावहंकारमहंकारात् ततः क्रियाः॥ हिन्दी अर्थ क्रोध
से काम उत्पन्न होता है और काम से मनुष्यों में लोभ, मोह, अभिमान,
घमण्ड और अहंकार आ जाते हैं। अहंकार से प्रेरित होकर मनुष्य सारे
अप्रिय कार्य करते हैं। English meaning Anger
gives rise to lust and lust leads to greed, attachment, pride, arrogance and
ego in humans. Inspired by ego, people do all the unpleasant things. |
संस्कृत श्लोक क्रुद्धः पापं न कुर्यात्कः क्रुद्धो हन्याद् गुरूनपि। क्रुद्धः परुपया वाचा नरः साधूनधिक्षिपेत्॥ हिन्दी अर्थ क्रोधित हो जाने पर कौन पाप नहीं करता, क्रुद्ध होने पर व्यक्ति गुरुजनों की हत्या भी कर सकता है। क्रुद्ध पुरुष कठोर शब्दों से साधु जनों की निन्दा भी कर सकता है। English meaning What evil is not committed by those who give way to wrath? In anger one may even slay one's preceptors. An enraged person may find fault with the virtuous men. |
क्रोध पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित krodh par sanskrt shlok hindi arth ke sahit sanskrit sloka on anger with hindi meaning
संस्कृत श्लोक वाच्यावाच्यं प्रकुपितो न विजानाति कर्हिचित्। नाकार्यमस्ति 'क्रुद्धस्य नावाच्यं विद्यते क्वचित्॥ हिन्दी अर्थ प्रकुपित व्यक्ति वाच्य और अवाच्य (क्या कहना चाहिये और क्या नहीं कहना चाहिये) का सर्वथा (कतई) विचार नहीं करता। क्रुद्ध के लिये कुछ भी अकरणीय नहीं है और न ही अवाच्य। English meaning An angry person does not think at all about what is spoken and what should not be said (what should be said and what should not be said). For the angry, nothing is inexplicable nor unspeakable. |
संस्कृत श्लोक क्रुद्धः पापं नरः कुर्यात् क्रुद्धो हन्याद् गुरूनपि। कुद्धः परुषया वाचा श्रेयसोऽप्यवमन्यते॥ हिन्दी अर्थ क्रोधी मनुष्य पाप के काम करता है। वह गुरुजनों की हत्या भी कर देता है। मनुष्य क्रोधित होकर पाप कर सकता है। क्रोध के वशीभूत होकर मनुष्य अपने गुरुजनों की हत्या तक कर सकता है। क्रोध के वशीभूत मनुष्य कटुवाणी से भला करने वालों का भी अपमान कर देता है। English meaning A man
can commit sin out of anger. Under the influence of anger, a person can even
kill his teachers. A person under the influence of anger even insults his own
welfare through his words. |
संस्कृत श्लोक भातॄन् हन्ति पितॄन् हन्ति बन्धूनि निरागसः। हन्त्यात्मानमपि क्रोधाद् धिक् क्रोधमविचारकम्॥ हिन्दी अर्थ क्रोध
के वशीभूत व्यक्ति अपने निर्दोष भाइयों, पिता, बन्धुजनों
और यहाँ तक कि स्वयं को भी मार डालता है। इस प्रकार विचारहीन और विवेकहीन क्रोध
को धिकार है। English meaning A
person under the influence of anger kills his innocent brothers, father,
relatives and even himself. Thus, shame on thoughtless and irrational anger. |
संस्कृत श्लोक पैशुन्य साहसं मोहं ईर्ष्याऽसूयार्थदूषणम्। वाग्दण्डजं च पारुष्यं क्रोधजोऽपि गणोष्टकः॥ हिन्दी अर्थ मनु
स्मृति में क्रोध के आठ अवगुणों का उल्लेख है- चुगली करना, दुस्साहस, मोह, ईर्ष्या, असूया (गुणों
में दोष निकालना), चोरी, कटु वचन और
क्रूरता। English meaning Manu
Smriti mentions eight vices of anger - backbiting, audacity, attachment,
jealousy, asuya (finding faults in qualities), theft, harsh words and
cruelty. |
संस्कृत श्लोक क्रोधाद्भवति सम्मोहः सम्मोहात्स्मृतिविभ्रमः। स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति ॥ हिन्दी अर्थ क्रोध
से मोह उत्पन्न होता है, और मोह से स्मृति (स्मरणशक्ति) भ्रमित होती है। स्मृति के भ्रमित होने
से बुद्धि नष्ट होती है और बुद्धि के नष्ट होने से मनुष्य का पतन होना निश्चित
है। English meaning Anger
gives rise to attachment, and attachment causes the memory to get confused.
Due to confusion of memory, intelligence gets destroyed and due to
destruction of intelligence, man's downfall is certain. |
संस्कृत श्लोक लोभात् क्रोधः प्रभवति
परदोषैरुदीर्यते। क्षमया तिष्ठते राजन् क्षमया विनिवर्तते।। हिन्दी अर्थ लोभ से क्रोध पैदा होता है। दूसरों के दोष देखने से क्रोध बढ़ता
है। क्षमा
करने से क्रोध रुक जाता है और क्षमा से ही शान्त हो जाता है। English meaning Anger
arises from greed. Seeing the faults of others increases anger. Anger stops
by forgiving and becomes calm only by forgiveness. |
संस्कृत श्लोक यः समुत्पतितं क्रोधं निगृह्णाति हयं यथा। स यन्तेत्युच्यते सद्भिर्न यो रश्मिषु लम्बते।। हिन्दी अर्थ सच्चा
सारथी वही मनुष्य कहलाता है जो घोड़े की तरह अपने क्रोध पर नियंत्रण रखता है, न कि केवल वह जो घोड़े (क्रोध)
की लगाम पकड़े रखता है। English meaning Only the man who controls his
anger like a horse is called a true charioteer, not just the one who holds
the reins of the horse (anger). |
संस्कृत श्लोक यः समुत्पतितं
क्रोधमक्रोधेन निरस्यति । देवयानि विजानीहि तेन सर्वमिदं जितम्॥ हिन्दी अर्थ जो व्यक्ति उत्पन्न हुए गुस्से को क्षमा भाव से नष्ट कर देता है या
अपने मन से निकाल देता है वही व्यक्ति सारे संसार को वश में कर सकता है। English meaning Only the person who destroys the
anger that has arisen by forgiving it or removes it from his mind can control
the whole world. |
संस्कृत श्लोक क्रोधात् काममवाप्याथ
लोभमोहौ च मानवाः। मानदर्पावहंकारमहंकारात् ततः क्रियाः॥ हिन्दी अर्थ क्रोध से काम उत्पति होती है और काम से मनुष्यों में लोभ, मोह, अभिमान, घमण्ड और अहंकार आ जाते
हैं। अहंकार से प्रेरित होकर ही मनुष्य सारे काम करते हैं। English meaning Anger
gives rise to lust and lust leads to greed, attachment, pride, arrogance and
ego in humans. People do all their work inspired by ego. |
संस्कृत श्लोक यो हि कारणतः क्रोधं
संजातं क्षन्तुमर्हति। नालं
स मनुजः सम्यक् त्रिवर्ग परिरक्षितुम्।। हिन्दी अर्थ जो व्यक्ति किसी
कारण उत्पन्न क्रोध को सह लेता है वह धर्म, अर्थ और काम की रक्षा नहीं कर सकता। English meaning A person who tolerates anger
arising from any reason cannot protect religion, wealth and work. |
संस्कृत श्लोक क्रुद्धो हि कार्यं
सुश्रोणि न यथावत् प्रपश्यति। हिन्दी अर्थ क्रोध करने वाला मनुष्य
किसी कार्य को अच्छी तरह नहीं समझ सकता। English meaning An
angry person cannot understand any work properly. |
संस्कृत श्लोक पुत्रभृत्य सुहृन्मित्र
भार्या धर्मश्च सत्यता। तस्यैतान्यपयास्यन्ति क्रोधशलीस्य निश्चितम्।। हिन्दी अर्थ जो मनुष्य स्वभाव से ही
क्रोधी होता है उसका साथ उसके अपने पुत्र, नौकर, मित्र, पत्नी, धर्म, और
सत्य आदि निश्चित रूप से छोड़ देते हैं। English meaning A
person who is angry by nature, his own sons, servants, friends, wife,
religion, truth etc. definitely leave him. |
संस्कृत श्लोक सर्वोपायैस्तु लोभस्य
क्रोधस्य च विनिग्रहः। एतत् पवित्रं ज्ञानानां तथा चैवात्मसंयमः।। हिन्दी अर्थ सभी उपायों से लोभ और क्रोध को रोकना चाहिये। यही सबसे अच्छा और
पवित्र ज्ञान है और लोभ-क्रोध पर नियंत्रण ही आत्मसंयम है। English meaning Greed
and anger should be stopped by all means. This is the best and sacred
knowledge and control over greed and anger is self-control. |
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