अहिंसा पर संस्कृत श्लोक हिन्दी अर्थ सहित
इस प्रकार मनसा वाचा कर्मणा से प्राणी मात्र को कष्ट पहुंचाना ही अहिंसा है। अहिंसा अनुष्ठान, एकता, सुख और शांति से समन्वित है। इसीलिए महाभारत में अहिंसा को परम धर्म कहा गया है-
अहिंसा परमो धर्मः।।
अहिंसा ही परम धर्म है।
Mahabharat Me Ahinsha with Hindi Meaning
अहिंसा परमो धर्मस्तथाहिंसा परं तपः।
अहिंसा परं सत्यं यतोधर्मः प्रवर्तते।।
महाभारत अनुशासनपर्व 115/23
एवं सर्वमहिंसायां धर्मार्थमपिधीयते।
अमृतः स नित्यं वसति यो हिंसां न प्रपद्यते।।
महाभारत शान्तिपर्व 245/19
रुपमव्यङ्गतामायुर्बुद्धि सत्वं बलं स्मृतिम्।
प्राप्तुकामैर्नरैर्हिंसा वर्जिता वै महात्मभिः।।
महाभारत अनुशासन पर्व 115/6
अहिंसा परमो यज्ञस्तथाहिंसा परमं फलम्।
अहिंसा परम् मित्रमहिंसा परमं सुखम्।।
महाभारत अनुशासन पर्व 116/29
अहिंस्रस्य तपोSक्षय्यमहिंस्रो यजते सदा।
अहिंस्रः सर्वभूतानां यथा माता तथा पिता।।
अनुशासनपर्व 116/31
अहिंसा परमो धर्मो ह्यहिंसा परमं सुखम्।
अहिंसा धर्मशास्त्रेषु सर्वेषु परमं पदम्।।
महाभारत अनुशासनपर्व दा.पा.145
अहिंसा आत्मवत सर्वभूतेषु के सिद्धांत पर आधारित दृष्टिकोण है। अहिंसा के विपरीत आचरण करने वाला व्यक्ति सुखमय जीवन व्यतीत नहीं कर पाता है।
अहिंसा पर संस्कृत सुभाषितानि हिन्दी और अंग्रेजी अर्थ सहित Sanskrit Subhashitani on Ahinsa (non-violence) with Hindi and English Meaning
अहिंसा सर्वभूतेषु धर्मं ज्यायस्तरं विदुः। महाभारत द्रोणपर्व 192/38
हिन्दी अर्थ- किसी भी प्राणी पर हिंसा न करना सर्वोत्तम धर्म है, और वही अहिंसा है।
अहिंसा सर्वभूतेभ्यो धर्मेभ्यो ज्यायसी मता।। महाभारत शान्तिपर्व 265/6
अहिंसा सकलो धर्मो हिंसाधर्मस्तथाहितम्। महाभारत शान्तिपर्व 272/20
रूपमैश्वर्यमारोग्यमहिंसा फलमश्नुते।। महाभारत अनुशासनपर्व 7/15
अहिंसा सर्वभूतानामेतत् कृत्यतमं मतम्।। महाभारत आश्वमेधिकपर्व 50/2
सर्वकर्मस्वहिंसा हि धर्मात्मा मनुरब्रबीत।। महाभारत शांति पर्व 265/5
महाभारत में अहिंसा को सभी प्राणियों के लिए महान धर्म बताया गया है अहिंसा को महान धर्म इसलिए कहा गया है कि अहिंसा समस्त जगत के प्राणियों के लिए वह दृष्टिकोण है जो जीवन में एकता और समानता को स्थापित करता है।
Ahinsha Par Sanskrit Shlok |